संस्कृत गीत

सांस्कृतिक धरोहरों से सम्पन्न छत्तीसगढ़ कृषिभूमि है। यह ऋषिभूमि भी कहलाता है। राज्य की सांस्कृतिक सम्पन्नता नगरों, ग्रामों एवं सुदूर वनांचलों में परिलक्षित होती है। छत्तीसगढ़ के लोगों के आचार-विचार एवं लोकाचार में संस्कृत भाषा से प्राप्त ज्ञान का प्रभाव एवं विस्तार दिखाई पड़ता है।

सांस्कृतिक धरोहरों से सम्पन्न छत्तीसगढ़ कृषिभूमि है। यह ऋषिभूमि भी कहलाता है। राज्य की सांस्कृतिक सम्पन्नता नगरों, ग्रामों एवं सुदूर वनांचलों में परिलक्षित होती है।

"वदतु संस्कृतं पठतु संस्कृतम्"

परिचय

111सांस्कृतिक धरोहरों से सम्पन्न छत्तीसगढ़ कृषिभूमि है। यह ऋषिभूमि भी कहलाता है। राज्य की सांस्कृतिक सम्पन्नता नगरों, ग्रामों एवं सुदूर वनांचलों में परिलक्षित होती है। छत्तीसगढ़ के लोगों के आचार-विचार एवं लोकाचार में संस्कृत भाषा से प्राप्त ज्ञान का प्रभाव एवं विस्तार दिखाई पड़ता है। छत्तीसगढ़ी भाषा में संस्कृत के तत्सम एवं तद्भव शब्दों की बहुलता है। इसका कारण छत्तीसगढ़ में संस्कृत का अतीत वैभव से परिपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ आदिकवि महर्षि वाल्मीकि (तुरतुरिया), ऋष्‍यश्रृंग (सिहावा), लोमष ऋषि (राजिम), जमदग्नि ऋषि (जामड़ीपाट) आदि महान आध्‍यात्मिक विभूतियों की जन्मस्थली एवं कर्मस्थली है। युगों-युगों से इस प्रदेश ने अपनी सार्थक भूमिका का ... पूरा पढ़ें

गतिविधियां

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